क्या एससी एसटी एक्ट को फिर कमजोर किया जा रहा हैं?
दिल्ली (Delhi)| आज उतराखंड के एक फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की जिसके कारण बहुजन समाज के लोगो में काफी ज्यादा आक्रोश है। सुप्रीम कोर्ट ने एक टिप्पणी करते हुए कहा कि उच्च जाति के व्यक्ति पर मुकदमे का आधार शिकायतकर्ता का सिर्फ एससी या एसटी होना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि चारदिवारी के भीतर बिना सबूत की गई जातिसूचक टिप्पणी पर एससी एसटी ऐक्ट नही लगाया जायेगा।
इस भीम आर्मी के प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट करके इसका विरोध किया। चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीटर पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट आज एक मामले में का यह कहना है कि एकांत स्थान अथवा बंद कमरे और किसी कार्यालय में घुसकर दलितों को गाली देना या जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करना अब SC ST Act के अंतर्गत नहीं आता है। यह फिर से अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम को खत्म करने की एक साजिश की जा रही है। उन्होने कहा कि सब मोदी राज की केंद्र सरकार के इशारे पर किया जा रहा है। लेकिन मोदी सरकार यह ना भूले कि हमारी कौम अभी जिंदा हैं।
इसके अलावा कांग्रेस नेता उदित राज ने इस मामले में आंदोलन करने की बात कही। उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी चार दीवारी के भीतर कही गयी जातिसूचक शब्दों और बात पर एससी एसटी ऐक्ट नही लगेगा।
उदित राज ने कहा मान लिया जाए कि कुछ दुरुपयोग होता होगा है लेकिन न्यायपालिका अन्य क़ानून जैसे रेप और दहेज के मामले में बने कानूनो को क्यों बार बार छेड़छाड़ नही करती है। जबकि सबसे ज्यादा दुरुपयोग इनमें ही होता होता है। उदित राज ने लिखा कि ज़्यादातर जज जातिवादी हैं। इनके ख़िलाफ़ आंदोलन होगा।
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Ha apradh to apradh hota hai ghar me ho yaa bahar
ReplyDeleteAp radh to ap radh hota hai ghar ho ya bahar
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