जय भीम बोलने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किया प्रधानाध्यापिका को निलंबित
उतरप्रदेश। यूपी में प्राथमिक शिक्षकों के साथ अनेक समस्याएं आती रहती है। जिसमे जातिगत प्रताड़ना, भेदभाव, मारपीट, जातिसूचक जैसी घटना होना आम बात सी हो गई है। यूपी में एक मामला टूंडला का है जंहा पर प्राथमिक स्कूल नगला में एक प्रधानाध्यापिका को इस लिए निलंबित कर दिया गया कि वो स्कूल में अभिवादन के रूप में जय भीम बोलती है। जब लेगो को प्रतक्रिया देती है तो भी वो जय भीम बोलती है।
आपको बता दे की टूंडला क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नगला में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत सुनीता ने बताया की स्कूल में साथी शिक्षा मित्र के तौर पर कार्य करने वाली बबली राजपूत हर दिन प्रधानाध्यापिका बिना सूचित किया बिना ही विद्यालय से गायब हो जाती थी। कई घंटो तक स्कूल में नहीं आती हैं।
प्रधानाध्यापिका को निलंबित करने का कारण
जब एक दिन प्रधानाध्यापिका पद पर कार्यरत सुनीता ने अध्यापिका बबली से इसका कारण पूंछा तो वो सुनिता पर बबली भड़क गई। इतना ही नहीं बबली ने प्रधानाध्यापिका सुनिता को थप्पड़ भी लगा दिया। इसके बाद बबली ने यंहा तक कह दिया की आप होती कौन है मुझे पुछने वाली? स्कूल आपका नहीं सरकार का है। मै आपसे नहीं बिल्कुल भी नहीं पूछूँगी, में खुद इसकी जिम्मेदार हूँ ?
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किया एकतरफा कारवाही
जब यह घटना की जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को लगी तो बीएसए ने प्रधानाध्यापिका सुनिता को निलंबित कर दिया ओर कहा की सुनीत बच्चों को जय भीम बुलवती है। और साथी शिक्षा मित्र से अभद्र व्यवहार करती है। जबकि वायरल हुआ वीडियो में कुछ और ही नजर आ रहा है।
शिक्षा अधिकारी ने नहीं सुनी प्रधानाध्यपिका सुनिता की बात
प्रधानाध्यापिका सुनिता ने बताया कि जब वो इस घटना को लेकर बीएसए से बात करने के लिए गई तो उन्होंने उसकी एक बात भी नहीं सुनी न ही अटेंडेंस रजिस्टर को देखा बस उन्होने एक तरफी कारवाई कर दी।
प्रधानाध्यापिका सुनिता ने बबली की लापरवाही पर कुछ दिन पहले भी लिखित में शिकायत की थी। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। आये दिन गैर जिमेरवारना तरीके से विद्यालय से गायब होना बबली की आदत सी होती जा रही थी।
अगर जय भीम बोलने वाले शिक्षक निलंबित तो जय श्री राम वाले क्यों नहीं ?
आपको बता दे की उत्तर भारत में धार्मिक एवं व्यक्तिगत विचारो को कार्य क्षेत्र में घुसाया जा रहा है जिसको लेकर आये दिन कार्य क्षेत्र में टकराव उत्पन्न हो रहा है ।लेकिन सोचनीय बात है कि प्रशासन की उच्च चोटी पर बैठे अधिकारी एक स्वस्थ्य वर्किंग पर्यावरण नहीं उपलब्ध करा पा रहे है। जिसके काऱण सरकारी कार्य बाधित हो रहा है। वही कई संस्थान नॉन परफॉरमेंस की श्रेणी में आ गया है। ज्यादातर देखने को मिला है की किसी भी डिपार्टमेंट में अगर ऐसी बात होती है तो विरोध उसके ही खिलाफ कार्रवाई कर देते हैं यह गलत बात है जिसका हमेशा ज्यादा विरोध होता है
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सांकेतिक तस्वीर |
उतरप्रदेश। यूपी में प्राथमिक शिक्षकों के साथ अनेक समस्याएं आती रहती है। जिसमे जातिगत प्रताड़ना, भेदभाव, मारपीट, जातिसूचक जैसी घटना होना आम बात सी हो गई है। यूपी में एक मामला टूंडला का है जंहा पर प्राथमिक स्कूल नगला में एक प्रधानाध्यापिका को इस लिए निलंबित कर दिया गया कि वो स्कूल में अभिवादन के रूप में जय भीम बोलती है। जब लेगो को प्रतक्रिया देती है तो भी वो जय भीम बोलती है।
आपको बता दे की टूंडला क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नगला में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत सुनीता ने बताया की स्कूल में साथी शिक्षा मित्र के तौर पर कार्य करने वाली बबली राजपूत हर दिन प्रधानाध्यापिका बिना सूचित किया बिना ही विद्यालय से गायब हो जाती थी। कई घंटो तक स्कूल में नहीं आती हैं।
प्रधानाध्यापिका को निलंबित करने का कारण
जब एक दिन प्रधानाध्यापिका पद पर कार्यरत सुनीता ने अध्यापिका बबली से इसका कारण पूंछा तो वो सुनिता पर बबली भड़क गई। इतना ही नहीं बबली ने प्रधानाध्यापिका सुनिता को थप्पड़ भी लगा दिया। इसके बाद बबली ने यंहा तक कह दिया की आप होती कौन है मुझे पुछने वाली? स्कूल आपका नहीं सरकार का है। मै आपसे नहीं बिल्कुल भी नहीं पूछूँगी, में खुद इसकी जिम्मेदार हूँ ?
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निलंबित किया गया आदेश |
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किया एकतरफा कारवाही
जब यह घटना की जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को लगी तो बीएसए ने प्रधानाध्यापिका सुनिता को निलंबित कर दिया ओर कहा की सुनीत बच्चों को जय भीम बुलवती है। और साथी शिक्षा मित्र से अभद्र व्यवहार करती है। जबकि वायरल हुआ वीडियो में कुछ और ही नजर आ रहा है।
शिक्षा अधिकारी ने नहीं सुनी प्रधानाध्यपिका सुनिता की बात
प्रधानाध्यापिका सुनिता ने बताया कि जब वो इस घटना को लेकर बीएसए से बात करने के लिए गई तो उन्होंने उसकी एक बात भी नहीं सुनी न ही अटेंडेंस रजिस्टर को देखा बस उन्होने एक तरफी कारवाई कर दी।
प्रधानाध्यापिका सुनिता ने बबली की लापरवाही पर कुछ दिन पहले भी लिखित में शिकायत की थी। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। आये दिन गैर जिमेरवारना तरीके से विद्यालय से गायब होना बबली की आदत सी होती जा रही थी।
अगर जय भीम बोलने वाले शिक्षक निलंबित तो जय श्री राम वाले क्यों नहीं ?
आपको बता दे की उत्तर भारत में धार्मिक एवं व्यक्तिगत विचारो को कार्य क्षेत्र में घुसाया जा रहा है जिसको लेकर आये दिन कार्य क्षेत्र में टकराव उत्पन्न हो रहा है ।लेकिन सोचनीय बात है कि प्रशासन की उच्च चोटी पर बैठे अधिकारी एक स्वस्थ्य वर्किंग पर्यावरण नहीं उपलब्ध करा पा रहे है। जिसके काऱण सरकारी कार्य बाधित हो रहा है। वही कई संस्थान नॉन परफॉरमेंस की श्रेणी में आ गया है। ज्यादातर देखने को मिला है की किसी भी डिपार्टमेंट में अगर ऐसी बात होती है तो विरोध उसके ही खिलाफ कार्रवाई कर देते हैं यह गलत बात है जिसका हमेशा ज्यादा विरोध होता है
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