60 बच्चों के नरसंहार दोषियों को बचाने के लिए यूपी सरकार ने मुझे बनाया बलि का बकरा: डा. कफील खान
उतरप्रदेश। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाकर जैल भेजे गये डॉक्टर कफील खान को जांच रिपोर्ट में दोषी नहीं माना गया है। कोर्ट ने इसे कलीन चिट दे दी है। डा. काफिल खान मीडियाकर्मी से बातचीत करते हुये कहा कि जो यूपी में योगी सरकार है उसने मेरे को बलि का बकरा बनाया है। यह एक नरसंहार था जो योगी सरकार अपराधियों को पकड़ने के बजाय मेरे पर झूठे मुकदमा दर्ज करवाकर जेल भेजा है।
डा. कफील खान ने कहा कि दो साल बाद कोर्ट से क्लीन चिट मिलने से मैं बहुत ज्यादा खुश हूँ और काफी राहत महसूस कर रहा हूं। उठापटक भरे दो साल बाद पूरे परिवार को थोड़ी राहत मिली है। इस घटना से न केवल मुझे, बल्कि पूरे परिवार को बहुत नुकसान हुआ है, सभी लोग दिमाग से तनावमुक्त और खुश नजर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जवाब दे
डा. कफील खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा की 11 या 12 अगस्त को 60 बच्चों की जब मौत हुई थी तब हर कोई कफील खान के बारे में बात कर रहा था. वे यह भी पूछ रहे थे कि उन 60 बच्चों की मौत कैसे हुई। वो यह भी पूछ रहे थे कि पैसे किसने नहीं दिए।
मुख्यमंत्री योगी के चार शब्दों ने बदल दी मेरी जिंदगी
डा. कफील खान ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पर धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा की योगी आदित्यनाथ ने मुझे 13 अगस्त 2017 को फोन किया और कहा- तू सिलेंडर लाया था तुझे देखता हूं इन चार शब्दों ने मेरी जिंदगी ही बदल दी। मुझे ऐसा लगता है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मुझे सिर्फ उन लोगों को बचाने के लिए बलि का बकरा बनाया जो बच्चो की मौत के असली अपराधी थे।
कमीशन के चक्कर में नहीं किया गया था पुराना भुगतान
डा. कफील खान ने कहा कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोग वही थे जिन्होंने बकाया भुगतान को लेकर पुष्पा सेल्स द्वारा भेजे गए पत्रों का जवाब नहीं दिया उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर में भुगतान नहीं किया। मैंने हमेशा से कहा है कि यह एक नरसंहार था।.
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डा. काफील खान (फाइल फोटो) |
उतरप्रदेश। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाकर जैल भेजे गये डॉक्टर कफील खान को जांच रिपोर्ट में दोषी नहीं माना गया है। कोर्ट ने इसे कलीन चिट दे दी है। डा. काफिल खान मीडियाकर्मी से बातचीत करते हुये कहा कि जो यूपी में योगी सरकार है उसने मेरे को बलि का बकरा बनाया है। यह एक नरसंहार था जो योगी सरकार अपराधियों को पकड़ने के बजाय मेरे पर झूठे मुकदमा दर्ज करवाकर जेल भेजा है।
डा. कफील खान ने कहा कि दो साल बाद कोर्ट से क्लीन चिट मिलने से मैं बहुत ज्यादा खुश हूँ और काफी राहत महसूस कर रहा हूं। उठापटक भरे दो साल बाद पूरे परिवार को थोड़ी राहत मिली है। इस घटना से न केवल मुझे, बल्कि पूरे परिवार को बहुत नुकसान हुआ है, सभी लोग दिमाग से तनावमुक्त और खुश नजर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जवाब दे
डा. कफील खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा की 11 या 12 अगस्त को 60 बच्चों की जब मौत हुई थी तब हर कोई कफील खान के बारे में बात कर रहा था. वे यह भी पूछ रहे थे कि उन 60 बच्चों की मौत कैसे हुई। वो यह भी पूछ रहे थे कि पैसे किसने नहीं दिए।
मुख्यमंत्री योगी के चार शब्दों ने बदल दी मेरी जिंदगी
डा. कफील खान ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पर धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा की योगी आदित्यनाथ ने मुझे 13 अगस्त 2017 को फोन किया और कहा- तू सिलेंडर लाया था तुझे देखता हूं इन चार शब्दों ने मेरी जिंदगी ही बदल दी। मुझे ऐसा लगता है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मुझे सिर्फ उन लोगों को बचाने के लिए बलि का बकरा बनाया जो बच्चो की मौत के असली अपराधी थे।
कमीशन के चक्कर में नहीं किया गया था पुराना भुगतान
डा. कफील खान ने कहा कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोग वही थे जिन्होंने बकाया भुगतान को लेकर पुष्पा सेल्स द्वारा भेजे गए पत्रों का जवाब नहीं दिया उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर में भुगतान नहीं किया। मैंने हमेशा से कहा है कि यह एक नरसंहार था।.
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