बसपा को खत्म करने की हो रही है साजिश, बहन जी को खबर नही
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BSP Chief Mayawati |
मुंबई | किसी को भी बार बार मिलने वाली असफलता उसके बिखराव की वजह बन सकती है, ऐसा समाजिक संगठनों के साथ साथ राजनीतिक दलों में भी हो सकता है। ऐसे हालातों में लिए जाने वाले निर्णय भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते और जरूरी भी होते हैं।
हाल ही में सम्पन्न हुए महाराष्ट्र, हरियाणा विधानसभा के आमचुनाव और उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी कोई भी सफलता हासिल नहीं हुई। यहां तक कि बसपा अपना गढ अंबेडकर नगर की जलालपुर सीट भी बचाने में कामयाब नही हो पायी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बसपा ने सबसे ज्यादा प्रत्याशी मैदान में उतारे लेकिन उसके बावजूद भी सीट जितना तो दूर उसके प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में भी कामयाब नही हुए। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में बसपा को केवल मात्र 0.92 फीसदी वोट ही प्राप्त हुए जो कि नोटा से भी कही कम थे। 24 अक्तूबर को नतीजे आने के बाद इसकी गाज गिरी राज्य के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश साखरे पर और उनको पार्टी से निलंबित कर दिया। बसपा के राज्यसभा सांसद और महाराष्ट्र के प्रभारी अशोक सिध्दार्थ ने प्रेस नोट जारी कर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश साखरे को निष्कासित कर दिया। उसी दौरान सुरेश साखरे का भी एक प्रेस विज्ञप्ति वायरल हुई थी जिसमें सुरेश साखरे ने लिखा था कि खराब प्रदर्शन के कारण मैं अपनी जिम्मेदारी लेता हूँ और प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। आज से मैं बसपा में एक सदस्य के तौर पर कार्य करता रहूंगा।
उसके बाद खबर यह आयी कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने महाराष्ट्र राज्य इकाई को दिल्ली बुलाया। इस मसले पर बात करने के लिए ताकि नयी कार्यकारिणी बनायी जा सके।
इधर बसपा के निष्कासित प्रदेश अध्यक्ष सुरेश साखरे ने एक और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बहुजन समाज पार्टी को खत्म करने की बहुत बड़ी साजिश रची गई है जिसमें पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक सिध्दार्थ मिले हुए हैं।
सुरेश साखरे ने कहा कि अगर मैं किसी और पार्टी के लिए काम करता तो बसपा सुप्रीमो मायावती मेरे लिए प्रचार के लिए नागपुर में रैली क्यों करती?, खुद अशोक सिध्दार्थ भी मेरे लिए प्रचार क्यों करते।
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में बसपा में काफी उठापटक देखने को मिलीं है। कई राज्यों में पार्टी के जिम्मेदार नेता ही आपस में उलझ रहे और एक दुसरे पर आरोप लगा रहे हैं
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